“इक ॐकार” का अर्थ — जपुजी साहिब मूल मंत्र
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जपजी साहिब और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सबसे प्रमुख पंक्ति, जिसे “मूल मंत्र” के रूप में जाना जाता है, गुरु नानक देव जी द्वारा समाधि के बाद कहे गए पहले शब्द थे। यह पंक्ति निराकार ईश्वरीय शक्ति और उसे कैसे अनुभव किया जा सकता है, को परिभाषित करती है। ईश्वर को कालातीत, निराकार और सर्वव्यापी ऊर्जा के रूप में दर्शाया गया है। गुरु नानक देव जी ने एकता और समग्रता का बोध देते हुए ‘इक ॐकार’ का उपदेश दिया। जपजी साहिब के पहले सत्संग के इस अंश में, श्री गुरु “इक ॐकार ” और मूल मंत्र का महत्व समझाते हैं।

Release Date

जून 23, 2018

Duration

32m 23s

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श्री गुरु

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