कर्म योग का वास्तविक अर्थ अपनी भौतिक जिम्मेदारियों को प्रसन्नता पूर्वक पूरा करते हुए आंतरिक विकास यात्रा में अग्रसर रहना है। फिर भी, सामान्यतः लोगों में ऐसी विपरीत धारणा होती है कि अत्यधिक कर्म करना कर्म योग है।
अर्जुन की सम्पूर्ण विकास-यात्रा के माध्यम से श्री गुरु इस गलत धारणा को संबोधित करते हैं, जिसका उल्लेख श्रीमद भगवद् गीता में श्री कृष्ण करते हैं। सत्संग के उपरांत 10 मिनट का निर्देशित ध्यान सत्र है जो आपको अनुभव को पूरी तरह से आत्मसात करने में मदद करेगा।
Release Date
अगस्त 6, 2023
Duration
1h 30m 4s
In this Video
श्री गुरु
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