गीता के कर्म योग का सार
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भगवद गीता के दूसरे अध्याय में योगीश्वर श्री कृष्ण कहते हैं: “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ यह श्लोक कर्म योग के सार को समाहित करता है। श्री गुरु इस वीडियो में भगवद गीता से कर्म योग के चार सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Release Date

मई 24, 2025

Duration

14m 32s

In this Video

श्री गुरु

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