Release Date
जून 25, 2024
Duration
20m 5s
In this Video
भौतिक कर्मों और जिम्मेदारियों में उलझे रहने के कारण, व्यक्ति आध्यात्मिक मार्ग से अक्सर भटक जाते हैं। हमारे जीवन में ऐसे 'उपाधि काल' के आने पर हम आध्यात्म पथ पर कैसे अडिग रहें?
श्रीमद्जी के वचनामृत #199 से संदर्भ लेते हुए, श्री गुरु 'निवृत्ति' की आवश्यकता का बोध कराते हैं। अपने कार्यों से समय निकालने के बजाय, समाधान हमारे जीवन को इस तरह से व्यवस्थित करने में निहित है कि वह हमारे गुण-विकास का माध्यम बनें।
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