भगवान राम की गाथा भारतीय संस्कृति का सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य है, जो भारतीय मूल्यों का आधार है। रामायण की कहानियों के साथ बड़े होने के कारण भगवान राम हमारे दिलों में बसे हैं। हालाँकि, एक ऐसे युग में जहाँ अति-भौतिकवाद की खोज हमारे मन और वातावरण पर हावी हो गई है, हम धीरे-धीरे अपने सच्चे जीवन सिद्धांतों से दूर होते जा रहे हैं। यह प्रस्थान न केवल हमारे मूल्यों से है, बल्कि एक सुखी और संतोषपूर्ण जीवन से भी। रामायण के अंतिम अध्याय का एक उपखंड, योगवशिष्ठ महारामायण श्री राम और गुरु वशिष्ठ के बीच एक महाकाव्य संवाद है, जिसमें राजकुमार राम से भगवान राम में परिवर्तन का रहस्य छिपा है। इस सत्संग श्रृंखला के साथ, श्री गुरु का दृष्टिकोण बहुआयामी है – हमारी संस्कृति में भगवान राम के मूल्यों को फिर से स्थापित करना, और साधकों को उनके भीतर रहे ‘राम’ से जोड़ना।