गुरु तो सदा ही साधक जीव की आसक्तियों को काटने में तत्पर हैं। बस अपने मन की पतंग को उनके प्रेम की डोर से बाँधने भर की देर है… | Shrimad Rajchandra Mission, Delhi गुरु तो सदा ही साधक जीव की आसक्तियों को काटने में तत्पर हैं। बस अपने मन की पतंग को उनके प्रेम की डोर से बाँधने भर की देर है… | Shrimad Rajchandra Mission, Delhi

Feb 03, 2022

गुरु तो सदा ही साधक जीव की आसक्तियों को काटने में तत्पर हैं। बस अपने मन की पतंग को उनके प्रेम की डोर से बाँधने भर की देर है…

Sri Guru

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